
बिहार में चुनावी मौसम आ गया है और नेताओं के बयानों में मसाला अब “चटनी एक्स्ट्रा” हो गया है। नवादा से निकली एक मिर्चीदार टिप्पणी सोशल मीडिया पर बवाल काट रही है।
RJD के पूर्व बाहुबली विधायक राजबल्लभ यादव ने एक जनसभा में तेजस्वी यादव की शादी को लेकर ऐसा कमेंट ठोक दिया कि अब सियासत गरम नहीं, उबल रही है।
“विदेशी जर्सी गाय” और बिहार की बेटियाँ
राजबल्लभ यादव का कहना था:
“तेजस्वी यादव को बिहार की यादव समाज में लड़की नहीं मिली, तो हरियाणा-पंजाब से विदेशी जर्सी गाय ले आए।”
लेकिन फिलहाल तो वायरल वीडियो ने इंटरनेट पर आग लगा दी है।
शादी पर राजनीति: ये नया ट्रेंड है क्या?
जहां बाकी पार्टियां बेरोज़गारी, शिक्षा और कानून-व्यवस्था पर लड़ रही हैं, वहीं कुछ नेता अब यह तय करने निकले हैं कि कौन कहां से बहू लाए। लगता है बिहार चुनाव अब “शादी डॉट कॉम” की पिच पर खेला जाएगा।
अगर यादव समाज की बेटी से करते शादी…
राजबल्लभ जी ने दुख जताया कि अगर तेजस्वी यादव यादव समाज की बेटी से शादी करते तो समाज का भला होता। अब ये बयान सुनकर RJD खेमे के माथे पर बल आ गया है।
RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने इस बयान को “शर्मनाक और अस्वीकार्य” बताया और पूछा कि बीजेपी इस पर चुप क्यों है?
राजनीति या परिवार पंचायत?
सवाल ये उठता है कि किसी नेता की व्यक्तिगत जिंदगी, खासकर उसकी शादी, अब चुनावी मुद्दा कैसे बन गई?
क्या अब अगले चरण में वोट मांगने वाले नेता पूछेंगे:

“आपकी बहू कहाँ की है? जाट है कि यादव?”
राजबल्लभ यादव Vs RJD: पुराना गुस्सा, नया बयान
सूत्रों के मुताबिक, राजबल्लभ यादव RJD से पहले से नाराज़ चल रहे हैं। उनकी पत्नी विभा देवी, जो अभी विधायक हैं, हाल ही में पीएम मोदी के मंच पर भी दिखीं।
इस बयान को पुरानी नाराज़गी की “नई अभिव्यक्ति” माना जा रहा है।
क्या यह समाज सुधार है या राजनीतिक बहकाव?
यदि किसी नेता की पत्नी हरियाणा की है तो क्या वह ‘विदेशी गाय’ कहलाएगी?
क्या अब शादी के फैसलों पर भी जातिगत और क्षेत्रीय राजनीति हावी होगी?
क्या देश का अगला चुनाव “कपल मैचिंग” और “गृहक्षेत्र चयन” पर होगा?
राजबल्लभ यादव का बयान ना सिर्फ निजता का उल्लंघन करता है, बल्कि समाज को उस दिशा में धकेलता है, जहाँ शादी भी एक चुनावी मुद्दा बन जाती है। राजनीतिक विमर्श अगर इस स्तर पर उतर गया है तो लोकतंत्र को एक ‘रिश्तेदार खोजो अभियान’ की ज़रूरत नहीं, नीति और मुद्दों की ज़रूरत है।
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